Tuesday, 26 July 2016

जामा मस्जिद कही जाने वाली अहमदाबाद की वह इमारत प्राचिन अहमदाबाद की कुल देवी ओर राजदेवी भद्रकाली का मन्दिर था


-अहमदाबाद नगर को अहमदशाह के नाम पर अहमदाबाद कहते है इससे पूर्व इस नगर का नाम कर्णवती ओर अशावल था ।
अहमदशाह ने इस नगर के कई हिन्दु इमारतो ओर मन्दिरो को इस्लामी इमारते ओर मन्दिर मे बदला था।इन्ही में से एक है अहमदाबाद की जामा मस्जिद जो कि अहमदशाह के द्वारा क्षत विक्षत करने से पूर्व भद्रकाली मन्दिर था।इस मन्दिर में आज भी द्वार मण्डल से लेकर अन्दर तक हिन्दु कला के दृश्य दिखते है।
इस मस्जिद के मुख्य प्रार्थना स्थल मे पास पास सौ खम्भे है(फोटो मे भी देखा जा सकता है)जो केवल हिन्दु मन्दिरो मे होते है,यदि यह मस्जिद है तो नवाज के लिए खुला प्रागंण होना चाहिए।
इसी मस्जिद के प्राचिन पूजा गृह के गवाक्षो मे गढे हुए प्रस्तर पुष्प चिन्ह है ,जो लूटे हुए परिवर्तित स्मारको के सम्बन्ध मुस्लिम आक्रमणकारियो की ओर ही संकेत करता है।इस विशाल मन्दिर का एक बडा भाग आज कब्रिस्तान के रूप मे उपयोग मे होता है।
इस मस्जिद की संगतराशी मे पुष्प,जंजीर,घण्टिया ओर गवाक्षो जैसे अनेक हिन्दु लक्षण दिखाई देते है।
इस मन्दिर की कई प्रस्तर खण्डो को अहमदाबाद के आम रास्तो में आक्रमण के समय सुरक्षित रखने के लिए गाड दिया गया था ।ये आज भी कुछ स्थानो पर आधे गडे या किसी के घर मकान मे पत्थर के रूप मे चुने हुए मिल जायेंगे....
उपरोक्त कथन से यही सिध्द होता है कि जो लोग कहते है कि मुस्लिम शासको ने इस देश मे कई इमारतो का निर्माण करवाया था और भारत की स्थापत्य कला मे योगदान दिया था।
किसी भी मस्लिम शासक ने इस देश मे कोई भी निर्माण नहीं कराया था,बल्कि हिन्दु इमारतो मन्दिरो को हथिया कर उन्हे मकबरे,कब्रिस्तान,दरगाह,मस्जिदो मे बदला था ताकि हिन्दुधर्म को खत्म कर सके

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