Wednesday, 21 September 2016

दशरथ थे सूर्य देव के उपासक


प्रतापी सूर्यवंश के आदि प्रवर्तक वैवस्वत मनु हैं। सूर्य के श्राद्धदेव नाम के पुत्र हुए जिन्हें मनु भी कहते हैं। सूर्यवंश इनसे ही प्रारम्भ हुआ है। मनु मानव जाति के प्रथम शासक हुए।
मनु के ज्येष्ठ पुत्र इक्ष्वाकु ने सरयू नदी के किनारे अयोध्या नगरी बसाई। तब से अयोध्या सूर्यवंश के अनेक प्रतापी राजाओं की जैसे कि सत्यवादी हरिश्चन्द्र, सागर, भागीरथ, दिलीप, रघु, अज, दशरथ तथा स्वयम् भगवान राम की राजधानी रही।
कालान्तर में सूर्यवंश रघुवंश के नाम से प्रसिद्ध हो गया क्योंकि चक्रवर्ती सम्राट रघु ने सर्वदक्षिणा यज्ञ में स्वयं के शरीर पर पहने हुए वस्त्रों के अतिरिक्त अपनी समस्त सम्पत्ति दान-दक्षिणा में दे दी थी।
महाराजा दशरथ रघु के पौत्र थे। उनमें अपने पूर्वजों के सभी गुण विद्यमान थे। इसके साथ-साथ वे स्वयम् भी बड़े ही गुणज्ञ थे। वे इतने शक्तिशाली थे कि उनका कोई शत्रु नहीं था। उनकी सम्पदा इन्द्र तथा कुबेर दोनों से अधिक थी। दशरथ धर्मज्ञ तथा राज-ऋषि थे। नित्य प्रात:काल उठकर वे अपने कुलगुरु वशिष्ठ के साथ अपने इष्टदेव सूर्यदेवता की उपासना किया करते थे।

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