Wednesday 15 June 2016

औषधीय

 पौधा- ग्रेट मुलेन
ग्रेट मुलेन को लेटिन भाषा में “वरबेसकम थेप्सस" कहा जाता है। ग्रेट मुलेन अक्सर आपको पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे जरूर देखने को मिला होगा। दो मीटर की उंचाई लिए हुए हल्के रोमों सी ढकी यह वनस्पति देखने में बिल्कुल जंगली झाड़ियो की तरह लगती है लेकिन सदियों से इस वनस्पति का घरेलू औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है, इसमें पाया जाने वाला कौमेरिन एवं हेस्पेरिडीन नामक रसायन घावों को भरने वाले गुणों से युक्त होता हैI विभिन्न शोधों में इसे दर्द निवारक, सूजनरोधी, एंटी-ऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी, फंगसरोधी प्रभावों से युक्त पाया गया है I इसकी जड़ों एवं पत्तियों में भी एंटी-सेप्टिक, मूत्रल एवं नर्वाइन टॉनिक जैसे गुण पाये जाते है। इससे निकलने वाला "मुलेन-आयल" भी बड़े ही औषधीय गुणों से युक्त होता है, इसे जैतून के तेल के साथ मिलाकर दो बूँद कान में टपका देने से कान में होनेवाले दर्द में काफी लाभ मिलता हैI इसके प्रयोग से मसूड़ों की सूजन एवं मुंह में होने वाले घावों में काफी लाभ मिलता हैI इसकी पत्तियों के धुंए से खांसी में लाभ मिलता है। इसकी ताज़ी पत्तियों से होमियोपैथिक दवा भी बनायी जाती है, जिसका प्रयोग कान दर्द, सिर दर्द, रात को होनेवाली सूखी खांसी आदि के इलाज में किया जाता हैI आयुर्वेद के चिकित्सक भी इसके फूलों को मुलेठी आदि अन्य औषधियों के साथ मिलाकर 'मुलेन-रसायन' का निर्माण करते है।


सर्वोत्तम आहार और औषधि है- शहद
शहद आयुर्वेदिक चिकित्सा का अभिन्न अंग है। इसके बिना आयुर्वेदिक उपचार को अधूरा माना गया है। शहद आदिकाल से ही मधुर द्रव्य का प्रतिनिधि रहा है। शहद में वो सभी पोषक तत्व पाए जाते है जो शरीर के विकास एवं पाचन क्रिया को सुचारू रखने में मदद करते है। शहद में कई गुणकारी तत्व जैसे ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज पर्याप्त मात्रा में होते है। शहद अपने औषधीय गुणों की वजह से अनेक बीमारियों में उपयोग होता रहा है। आप भी जानिए शहद खाने के लाभ-
- नियमित रूप से शहद का सेवन करने से शरीर को स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है।
- काली खांसी होने पर बादाम के साथ शहद मिलाकर खाने से खांसी में आराम मिलता है।
- बवासीर में एक चुटकी त्रिफला शहद में मिलाकर लेने से आराम मिलता है।
- शहद का नित्य सेवन करने से दिल और दिमाग तेज होता है।
- शहद चाटने से हिचकी बंद होती है।
- लकवा रोगी के लिए शहद सर्वोत्तम औषधि है।
- उल्टी होने पर शहद और पुदीने का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
- पके आम के रस में शहद शहद मिलाकर पीने से पीलिया रोग दूर होता है।
- शहद को पानी के साथ पीने से चर्म रोग मिटता है।
- शहद सर्दी जुकाम में रामबाण का काम करता है। शहद का विशेष गुण यह भी है कि थकान होने पर शहद के सेवन से ताजगी आती है।
- कब्ज को दूर करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन लेने से कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है।

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