Adhyatmik kahani आध्यात्मिक कहानियां
Wednesday, 24 February 2016
श्रीकृष्ण और भागवत धर्म
›
मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है । भव बंधन से विमुक्त हो जाना, जीवात्मा का परमात्मा की सत्ता में विलीन हो जाना, आत्मतत्त्व का प...
Tuesday, 23 February 2016
माता, पिता एवं गुरु की महिमा
›
श्रीसूत जी बोले - द्विजश्रेष्ठ ! चारों वर्णों के लिए पिता ही सबसे बड़ा अपना सहायक है । पिता के समान अन्य कोई अपना बंधु नहीं है, ऐसा वेदो...
श्रीश्रीराधातत्त्व
›
श्रीराधा के संबंध में आलोचना करते समय सबसे पहले वैष्णवों के राधातत्त्व के अनुसार ही आलोचना करनी पड़ती है । वायुपुराण आदि में राधा की जैसी ...
विपुलस्वान मुनि और उनके पुत्रों की कथा
›
द्वापर युग की बात है मंदनपाल नाम का एक पक्षी था । उसके चार पुत्र थे, जो बड़े बुद्धिमान थे । उनमें द्रोण सबसे छोटा था । वह बड़ा धर्मात्मा...
Sunday, 21 February 2016
कर्तव्यपरायणता का अद्भुत आदर्श -
›
प्राचीन काल में सर्वसमृद्धिपूर्ण वर्धमान नगर में रूपसेन नाम का एक धर्मात्मा राजा था । एक दिन उसके दरबार में वीरवर नाम का एक गुणी व्यक्ति...
Saturday, 20 February 2016
दो मित्र भक्त
›
कुरुक्षेत्र में दो मित्र थे - एक ब्राह्मण और दूसरा क्षत्रिय । ब्राह्मण का नाम पुण्डरीक और क्षत्रिय का अंबरीष । दोनों में गाढ़ी मित्रता थ...
भगवान श्रीकृष्ण और उनका दिव्य उपदेश
›
कांतिदी के सुरम्य तट पर संयुक्त प्रांत की मथुरा नगरी में भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ था । उन्होंने शैशवकाल में ही अनेक बार अपनी अतिमानुष ...
‹
›
Home
View web version