Adhyatmik kahani आध्यात्मिक कहानियां

Tuesday, 26 July 2016

अन्नपूर्णा

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____ ‘प्र’ वणर्स्य देवी तु साऽन्नपूणार्स्ति देवता । पूषा बीजमहो ‘अं’ च पिप्पलादश्च स ऋषिः॥ अन्नपूणेर्श्वरी यन्त्रं तृप्ता पूणोर्दरी तथा ...

ज्वालामुखी

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____ ज्वालामुखी तु ‘यो’ देवी जातवेदश्च देवता ।। बीजं ‘रं’ स ऋषिश्चास्य याज्ञवल्क्योऽथ यन्त्रकम्॥ ऊजोर् भूती च स्वाहाऽथाजरा पुष्टिस्तथैव ...

महामाया

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____ ‘चो’ देवी तु महामाया महादेवोऽथ देवता । बीजं ‘हं’ प्रोक्तमेतत्स ऋषिः कात्यायनस्तथा॥ योगिनी यन्त्रमेतच्च भूती मेधाऽथ पाशिनी । विद्यन...

पयस्विनी

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____ ‘द’ तु पयस्विनी देवी देवता वरुणस्तथा । बीजं ‘वं’ धौम्यं एवषिर्यर्न्त्रं वरुणयन्त्रकम्॥ विभूती च स्वधाद्रेर् द्वे विद्यन्तेऽपि फलं त...

त्रिपुरा

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___ ‘यात्’ वणर्स्य देवी तु त्रिपुरा देवताऽथ च । त्र्यम्बकः ‘त्रीं’ च बीजं तन्माकर्ण्डेयश्च स ऋषिः॥ त्रिधा यन्त्रं च विद्यन्ते त्रिशूलाऽथ...

मानव आकृति की उपस्थिति न होने के बावजूद वीणा में एक 'मानवीय उपस्थिति' को महसूस किया जा सकता है

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ऋषि मुनि वेदों से कई आविष्कार और सिद्धांत प्रतिपादित करते थे ,, मह्रिषी भारद्वाज ने अपने विमान शास्त्र का श्रेय वेद को ही दिया है ....इसके...

प्राचीन काल मे आयुर्वेद को जानने वाले Genes व क्रोमोसोम को जानते थे।

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चित्र मे भरद्वाज ने प्रश्न किया है कि लँगड़े,अंधे व अन्य विकृति वालों की सन्तान विकृत क्यों नहीं होती। यहाँ पर महर्षि पुनर्वसु आत्रेय उत्त...
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