जिवन
एक समय की बात जो आज कल ज्यादा तो आम लोगो से महसूस होती हे
की हम सुविधा से और सरल रूप से जीवन व्यथित कर रहे की उसकी कोई सीमा ही नहीं
नई तकनीक और विभिनता से क्या हम अपनी संस्कृति खोना दे जब मुग़लो ने भारत पर कब्ज़ा जमाया
तब हम ने कुछ ही समय में अपनी आधे से ज्यादा संस्कृति और वेद खो चुके थे और कुछ इंग्रेजो के शासन में
अब भारत पर किसी मुल्क का कब्ज़ा नहीं हम स्वतंत्र हे तो हमें हमारी संस्कृति वापस से स्थापित करनी चाइये
हमें और ज्यादा जानकारी एकता करके वैदिक शास्त्रोंका अध्यन और हर मंदिर हर धार्मिक मंदिर या पुरातन किलोसे जानकारी प्राप्त करनी चाहिए हमें लगता हे भारत सरकार इस पर ज्यादा से ज्यादा अध्यन करे
और अपनी जो खोई हुयी जानकारी हे प्राप्त करे
जीवन पानी की तरह जो सबकुछ समां लिया हे और जिस में डालो वह निस्वार्थ सेवा भावसे उसमे घुल जाये या उसे अपना ले
आप सभी से विनती हे सभी आगे आके मदत करे भारत के लिए
एक समय की बात जो आज कल ज्यादा तो आम लोगो से महसूस होती हे
की हम सुविधा से और सरल रूप से जीवन व्यथित कर रहे की उसकी कोई सीमा ही नहीं
नई तकनीक और विभिनता से क्या हम अपनी संस्कृति खोना दे जब मुग़लो ने भारत पर कब्ज़ा जमाया
तब हम ने कुछ ही समय में अपनी आधे से ज्यादा संस्कृति और वेद खो चुके थे और कुछ इंग्रेजो के शासन में
अब भारत पर किसी मुल्क का कब्ज़ा नहीं हम स्वतंत्र हे तो हमें हमारी संस्कृति वापस से स्थापित करनी चाइये
हमें और ज्यादा जानकारी एकता करके वैदिक शास्त्रोंका अध्यन और हर मंदिर हर धार्मिक मंदिर या पुरातन किलोसे जानकारी प्राप्त करनी चाहिए हमें लगता हे भारत सरकार इस पर ज्यादा से ज्यादा अध्यन करे
और अपनी जो खोई हुयी जानकारी हे प्राप्त करे
जीवन पानी की तरह जो सबकुछ समां लिया हे और जिस में डालो वह निस्वार्थ सेवा भावसे उसमे घुल जाये या उसे अपना ले
आप सभी से विनती हे सभी आगे आके मदत करे भारत के लिए
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