Friday 1 April 2016

राधा रानी जी की अष्टम सखी -श्री सुदेवी जी

राधा रानी जी की अष्टम सखी -श्री सुदेवी जी
श्री राधाकुंड के उत्तर-पश्चिम कोणवर्ती दल पर हरित वर्ण की “बसंत सुखद”नामक कुंज है. जिसमे सदा श्री सुदेवी जी निवास करती है.
श्री कृष्ण में इनकी कलहान्तरितामयी प्रीति है. इनके अंग की छटा पद्म- किन्जल्क कन्तिमायी है. और यह जवापुष्प रंग के वस्त्र धारण करती है.
यह “जल-सेवा” करती है और वाम-प्रखरिका नायिका मानी गई है इनकी वयस् २४ वर्ष २ मास ४ दिन की है इनका घर “यावट” में है.
इनकी माता का नाम “करुणा”, पिता का नाम “रंगसार” है. इनका विवाह “वक्रेक्षण” (श्री रंगदेवी के पति)के छोटे भाई से हुआ (ये श्री रंगदेवी की यमजा बहिन है ).
श्री गौर लीला में
यह ‘श्रीवासुदेवघोष’ नाम से विख्यात हुई
श्री सुदेवी सखी-मंत्र
“ऐ सौ श्री सुदेव्यै स्वाहा”
श्री सुदेवी सखी –ध्यान
अम्भोजकेशर-समान-रूचिं सुशीलां
रक्ताम्बरां रुचिरहासविराजिवक्त्राम
श्रीनंदनंदन-पुरो जलसेवनाढया
सद्भूषणावलियुतां च भजे सुदेवीम
जिनकी अंगकान्ति पद्म केशर के समान छवियुक्त है जिनका सुशील स्वभाव है जो लाल रंग के वस्त्र धारण करती है और जिनके मुख पर सदा मुस्कान रहती है श्री नंद नंदन के आगे जो जल सेवा में रत रहती है.और जो सुन्दर भूषणों से विभूषिता रहती है ,उन श्री सुदेवी सखी का मै ध्यान करती हूँ.
श्री सुदेवी सखी-प्रणाम
जिनकी अंग-कांति सुतप्त शुद्ध सुवर्ण छवि के समान है प्रकृष्ट-रूप से सुशोभित प्रवाल समूह की कांतिमय वस्त्रों को धारण करती है समस्त भक्तो की अनुजिवन स्वरूपा उज्जवल भक्ति में जो चतुर है हे स्वामिनि राधिके ! आपकी उन सखी श्री सुदेवी को मै प्रणाम करती हूँ .
श्री सुदेवी सखी-यूथ
कावेरी चारु कबरी सुकेशी मंजुकेशिका
हार हीरा हार कंठी हारवल्ली मनोहरा ||
कावेरी, चारुकबरी, सुकेशी, मंजुकेशिका, हारहीरा, हारकंठी, हारवल्ली, और मनोहरा ये आठ प्रधान सखी श्री सुदेवी जी के यूथ में है.

1 comment:

  1. Thank you
    Do you have the mantras for other sakhis also.

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