Friday, 24 June 2016

मनुष्य

दोस्तों इस सम्पूर्ण सृष्टि में मनुष्य ही मात्र ऐसा प्राणी है, जो लगभग हर समय चिंतन (विचार) करता है। वास्तव में चिंतन ही एक ऐसा गुण है, जिसके कारण मनुष्य समस्त प्राणियों में सर्वोत्तम माना जाता है।
इसलिये मैं कहूँगा की मनुष्य के जीवन में ‘विचारों’ का महत्व अत्याधिक है।
क्योंकि हमारी मानसिक शक्ति का प्रयोग विचारों के ही माध्यम से होता है। हमारे मस्तिष्क की यह क्षमता है कि यह विचारों के विषय, उन विषयों की प्रकृति तथा विचारों के निष्कर्ष का निर्णय कर सकती है, हम अपनी विचार प्रक्रिया को अनुशासित तथा चैनलाइज कर के मनचाहे परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं।
मगर
हमें सप्रयास उन विचारों को ही चुनना चाहिए जो सकारात्मक हो, तो ही जीवन सकारात्मकता से चलता है। इसलिए हमें केवल सकारात्मक विचारों को ही अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए।
और
स्वस्थ विचार भोजन की तरह हैं जो उचित मात्रा में मन को मिलते रहना चाहिए और बिना विचारों के मन का कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा।
इसीलिये
‘करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते, सील पर पड़त निसान’।।
अच्छे विचार भी मन में तभी स्थायी स्थान लेते है जब उनको बार-बार सुना जाय, पढ़ा जाय एवं गुणा जाय।
मुख मे हो राम नाम, राम सेवा हाथ मे ।
तू अकेला नाहि पयारे , राम तेरे साथ मे
विथि का विधान जान, हानि लाभ सहिये
जाहि विथि राखे राम, ताहि विधि रहिये ।।"

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