Thursday, 23 June 2016

सकारात्मकसोच


    अच्छे विचारों से मिलेगी खुशियां
इंसान विचारों का पुतला है और हमारे विचार ही हमारा व्यक्तित्व निर्माण करते है और जैसे ही हमारे विचार होते है हम वैसे ही बन जाते है। हमारा मन हमेशा ही नकारात्मक विचारों के बारे में ही सोचता रहता है। क्योंकि इंसान के जीवन में जो कुछ बुरा घटता है वह हमेशा उन्ही बातों को लेकर परेशान रहता है। कुछ लोग तो अपने भविष्य को लेकर परेशान होते हैं। बेवजह ही गलत सोचने लगते हैं। जिससे सेहत और उम्र दोनों ही घटती है।  हमेशा सकारात्मक रहने के लिए जरूरी है ये उपाय-
गुस्से को सकारात्मकता में बदलें
यदि आप में गुस्सा या निराशा हो तो इसे तुरंत ही सकारात्मकता में बदल दें। अपने मन में हमेशा यही सोचें जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। शायद ऊपर वाले की यही मर्जी हो। अपने गुस्से और निराशा को अच्छाइयों में बदले। अपनी दिनचर्या बनाएं और उसी के हिसाब से चलें। तो आपको कभी भी गलत विचार नहीं आएंगे।
हर समस्या का हल आपके पास है
हर समस्या का हल आपके पास ही होता है बस उसे समझें। डरें नहीं कई बार बेवजह की उलझनें आपको निराश करती है। इसलिए समस्या का हल खोजें। और उन गलतियों पर विचार करें जिसकी वजह से परेशानी हुई है। घबराएं नहीं बस यही विचार करें कि परेशानी तो है ही नहीं। हमेशा अच्छा बोलें और सोचें।
बेवजह पेरशान न हों
बेवजह ही परेशानियों और उलझनों से दूर रहें। क्योंकि कभी-कभी किसी दूसरे की समस्या से आप परेशान हो जाते है और बाद में पता चलता है कि दूसरा व्यक्ति तो ठीक है और हम बेवजह की टेंशन ले रहें हैं। जब तक खास जरूरी न हो दूसरे की बातों पर या उसकी परेशानी पर आप ध्यान न दें।यह बात दिमाग में रखें। जो हुआ अच्छा हुआ और जो होगा वो भी अच्छा ही होगा। इस बात को सोचने से मानसिक रूप से तनाव नहीं होगा और आप परेशान भी नहीं होगे।
योग करें
योग और ध्यान में ऐसी शक्ति है जो बड़े से बड़े नकारात्मक विचारों को खत्म कर देती है और आपके मन में शांति और उर्जा को पैदा करती है। जितना हो सके ध्यान लगाएं। योग करें और खूब हंसे। हंसने की आदत डालें।
इसलिए यदि आपको सचमुच अपने व्यक्तित्व को प्रफुल्लित बनाना है तो हमेशा अपनी सोच की दिशा को सकारात्मक रखिए। किसी भी घटना, किसी भी विषय और किसी भी व्यक्ति के प्रति अच्छा सोचें, उसके विपरीत न सोचें। दूसरे के प्रति अच्छा सोचेंगे, तो आप स्वयं के प्रति ही अच्छा करेंगे। कटुता से कटुता बढ़ती है। मित्रता से मित्रता का जन्म होता है। आग, आग लगाती है और बर्फ ठंडक पहुंचाती है।

No comments:

Post a Comment