Wednesday, 6 July 2016

आत्मा के जन्म


धर्मग्रंथों के अनुसार आत्मा की आठ तरह की दशा होती है, जिसे गति भी कहते हैं। इसे मूलत: दो भागों में बांटा जाता है पहला अगति और दूसरा गति। जिस प्राणी की गति हो जाती है उसे मोक्ष मिलता है जबकि जिन प्राणियों की अगति होती है उन्हें जन्म मिलता है।
अगति के चार प्रकार हैं
क्षिणोदर्क
अगति में जीव पुन: पुण्यात्मा के रूप में मृत्यु लोक में आता है और संतों सा जीवन जीता है।
भूमोदर्क- भूमोदर्क में वह सुखी और ऐश्वर्य से पूर्ण जीवन मिलता है।
तृतीय अगति- में नीच या पशु का जीवन मिलता है।
चतुर्थ गति में वह कीट, कीड़ों जैसा जीवन पाता है।
कैसे जाती है आत्मा यमलोक तक
यमलोक तक ले जाने के लिए भी अलग-अलग कर्म करने वाली आत्माओं के लिए अलग-अलग मार्ग है। इसके मुख्यरूप से तीन मार्ग माने गए हैं। इस मार्ग से मृत्यु के १३ दिन के बाद आत्मा को यमलोक तक ले जाया जाता है।
ये तीन रास्ते इस प्रकार हैं
अर्चि मार्ग
अर्चि मार्ग ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा के लिए है।
धूममार्ग-धूममार्ग पितृलोक की यात्रा के लिए है और
उत्पत्ति-विनाश मार्ग -उत्पति व विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है।
कितने तरह के होते हैं नर्क
मुख्य नरक 36 हैं। उनमें भी अवीचि, कुम्भीपाक और महारौरव ये तीन मुख्यतम हैं। ये तीनों नरक समस्त नरकों या नरक लोक के अध: मध्य और ऊध्र्व भाग में स्थित हैं। 36 नरकों में से एक-एक के चार-चार उप नरक हैं।
कितने तरह के होते हैं नर्क
मुख्य नरक 36 हैं। उनमें भी अवीचि, कुम्भीपाक और महारौरव ये तीन मुख्यतम हैं। ये तीनों नरक समस्त नरकों या नरक लोक के अध: मध्य और ऊध्र्व भाग में स्थित हैं। 36 नरकों में से एक-एक के चार-चार उप नरक हैं।

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