Monday, 8 February 2016

आत्म शक्ति और जीवन

एक व्यक्ति पिछले कई वर्षों से अपनी छोटी सी कुटिया में अपने दैनिक कार्यों से निपट कर भगवान का नाम जप किया करता था। कोई विशेष व्रत उपवास या भजन कीर्तन नहीं बस शांत भाव से भगवत् नाम-जप करता और जिविका के लिये जो कुछ भी कार्य मिलता उससे निर्वाह करता। 
भगवत् नाम-जप में तल्लीन वो नहीं जानता था कि उस के चारों ओर दैविय की शक्ति का आवरण बनता जा रहा था। वह अनभिज्ञ भगवत् नाम-जप में खुद को समर्पित कर खुश होता था। 
एक दिन उसकी कुटिया में एक डाकू घुस आया और चिल्ला कर बोला ऐसे तो तुम इतने गरीब हो कि इक बल्ब तक खरीद नहीं सकते और ऐसे इतनी बहुमूल्य मणी तुम्हारे पास है जिसकी वजह से पूरी कुटिया नीले प्रकाश से पूरी रात जगमगाती रहती है। लाओ वह मणी मुझे दे दो। वह बोला मेरे पास तो कोई मणी नहीं और न ही मैनें कभी वह नीला प्रकाश देखा है जिसका जिक्र तुमने किया है। डाकू गुस्से से बोला मैं कई रातों से देख रहा हूँ तुम्हारी प्रकाशित कुटिया को, अतः मुझसे झूठ मत बोलो।
वह व्यक्ति बोला तो ठीक है मैं बाहर जाता हूँ तुम कुटिया तलाश लो।ऐसा कह वह बाहर जा कर खड़ा हो गया। उसके बाहर जाते ही डाकू ने प्रकाश को भी बाहर जाते देखा तो चिल्ला कर बोला जेब में है मणी और मुझे कुटिया तलाशने को कहते हो मणी दो नहीं जान से हाथ धोने पड़ेगें। मगर पूरा खंगालने पर भी जब कुछ न मिला तो डाकू बोला वह क्या है जिसकि वजह से यह प्रकाश है।
वह व्यक्ति बोला भाई यह भगवत् नाम-जप का प्रभाव है जो जपता है आत्म सुख पाता है और जो नहीं जपता उसे इसी तरह किसी आकर्षण में बांध यहाँले आता है, अगर वास्तव में नीलमणी पानी है तो बुरे कार्यों को छोड़ भगवत् नाम-जप में लगो। सभी कार्य करो मगर किसी को दुःख मत पहुचाँओ।
मित्रों भगवत् नाम-जप मन में शांति पाने का सब से सटीक उपाय है जिसे बिना राग द्वेष व बिना किसी दिखावे के पिता परमात्मा के चरणों का ध्यान करते हुए करना चाहिये। तब हर दुःख तकलीफ सहन करने की आत्म शक्ति मिलेगी और जीवन मणी चमक उठेगी।
जय श्री कृष्ण जय श्री राम

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