Wednesday 21 September 2016

रामराज्य का वर्णन



कहा जाता है जब तक श्रीराम जी ने राज्य किया, तब तक उनके राज्य काल में न तो कोई स्त्री विधवा हुई, न किसी को रोग ने सताया और न ही किसी को सांप ने काटा। डाकू, चोरों का तो श्रीराम राज्य में नाम तक नहीं था। श्रीराम राज्य में ऐसा भी कभी नहीं हुआ कि किसी बूढ़े ने किसी बालक का मृतक कर्म किया हो। श्रीरामराज्य में सभी अपने वर्णानुसार धर्मकृत्यों में तत्पर रहते थे। इसलिए सभी लोग सदा खुश रहते थे। श्रीराम चंद्र जी उदास होंगे इस विचार से लोग किसी का जी तक नहीं दुखाते थे। श्री राम राज्य में वृक्ष्यों में सदा फूल लगे रहते थे, वे सदा फला करते थे। यथासमय वर्षा होती थी और सुखस्पर्शी हवा चलती थी। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, क्षुद्र को ई भी लोभी लालची नहीं था। सब लोग अपना अपना कार्य करते हुए संतुष्ट रहते थे। श्रीराम राज्य में सारी प्रजा धर्मरत और झूठ से दूर रहती थी। सब लोग शुभ लक्षमों से युक्त पाए जाते थे। सभी लोग धर्मपरायण होते थे।
स्त्रोत- वाल्मीकि रामायण

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