क्या आप जानते हो कि रेलगाड़ी का आविष्कार कब और कैसे हुआ ?
ईसा से लगभग 100 वर्ष पूर्व मनुष्य को भाप की शक्ति का पता लगा l सबसे पहले अलेक्सांद्रिया (Alexandria) के हीरो नामक व्यक्ति ने भाप से चलने वाली टरबाइन बनाई l यह एक प्रकार का छोटा सा भाप का इंजन था l
सन् 1705 में इंग्लैंड के थॉमस न्यूकोमेन (Thomas Newcomen) ने भाप से चलने वाला एक अच्छा इंजन बनाया, जिसका प्रयोग कोयले की खानों से पानी निकालने के लिए किया गया l इस इंजन में बहुत अधिक ईंधन खर्च होता था l
सन् 1765 में जेम्स वाट ने एक बेहतर भाप इंजन का निर्माण किया l इसमें स्वचालित (Automatic) वाल्व लगे थे l इस इंजन में एक पिस्टन ऊपर नीचे गति करता था l
1803 में रॉबर्ट फुल्टन (Robert Fulton) ने जेम्स वाट द्वारा बनाए भाप के इंजन को एक नाव को खींचने में इस्तेमाल किया l
सन् 1820 में इंग्लैंड के जॉर्ज स्टेफेन्सन (George Stephenson) ने सही अर्थों में पहला इंजन बनाया l यध्यपि यह इंजन भारी था, लेकिन फिर भी बहुत अच्छा था l इस इंजन को जॉर्ज स्टेफेन्सन ने खुद चलाकर लोगों को सैर कराई l
संसार की सबसे पहली सवारी और मालगाड़ी 1825 में चली l सन् 1938 तक इंजन में तकनीकी सुधार होते रहे l इसे अधिक से अधिक शक्तिशाली बनाने के उपाय प्रयोग में ले गए l इसी बीच 1912 में डीजल इंजनों का विकास हो गया l
इसने भाप के इंजनों का महत्व कम कर दिया l सन् 1893 में बिजली से चलने वाली रेलगाड़ी भी बन चुकी थी l
आज तो रेलगाड़ी के क्षेत्र में एक क्रांति हो गई है l फ़्रांस की ऐरो ट्रेन एक ऐसी रेलगाड़ी है , जो 375 की. मी. प्रति घंटे के वेग से दौड़ती है l यह विश्व की सबसे तेज़ गति से चलने वाली ट्रेन है l
जापान ने चुम्बकीय शक्ति द्वारा रेलगाड़ी चलाने में सफलता प्राप्त कर ली है l इंग्लैंड की एलिज़ाबेथन (Elizabethan) गाड़ी संसार की, कहीं न रूककर सबसे लम्बी यात्रा करने वाली गाड़ी छ: घंटे में 630 कि. मी. (392.75 मील) की दुरी तय करती है l
भारत में सबसे पहले रेल सेवा 1853 में बम्बई v थाना के बीच शुरू हुई थी l आज भारत में रेलों के द्वारा देश के कुल ढोये जाने वाले माल का 65% बोझा और 51% यात्रियों का भार बहन किया जाता है l
देश में रेल लाइनों की कुल लम्बाई लाखों कि.मी. है और यह भार वहन क्षमता तथा रेल मार्ग की लम्बाई प्रति वर्ष बढती ही जा रही है l
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