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हनुमानजी से बड़ा कोई योगी नहीं। यह कोई दावा नहीं, मान्यता-सी है। सच तो यह है कि योग सबके लिए है। इसे किसी धर्म से जोड़ना नादानी होगी।
किंतु यदि किसी को जानना है कि योग देता क्या है तो उसे हनुमानजी से परिचय जरूर करना चाहिए। श्रीराम ने हनुमानजी को साथ इसीलिए रखा, क्योंकि वे जानते थे कि जो बहुत बड़ा अभियान मुझे पूरा करना है उसमें आने वाली बाधाएं कोई योगी ही पार करा सकता है।
हम भी ध्यान रखें हमारा लक्ष्य श्रीराम जैसा ही है। रावण चारों तरफ मौजूद हैं। रावण मतलब सफलता की ऊंचाइयों पर बैठा हुआ व्यक्ति, जो अब लगातार गलतियां कर रहा हो और उसका पतन हो रहा हो।
आज कई लोग ऐसे हैं जो अपनी योग्यता का दुरुपयोग कर रहे हैं, रावण की तरह शीर्ष पर पहुंच गए हैं और अनुचित कर रहे हैं।
आप जिस भी क्षेत्र में जाएंगे ऐसे लोगों से आपका मुकाबला होगा। जो कुछ भी श्रीराम ने किया वह हमें करना है। वे हर बड़ा काम हनुमानजी से कराते थे।
हनुमानजी ने हमें सिखाया है कि चुनौतियां कभी किसी की कम नहीं होंगी।
पहली चुनौती या समस्या संसार से आती है।
दूसरी सम्पत्ति से,
तीसरी संबंधों से,
चौथी स्वास्थ्य से और
पांचवीं चुनौती आती है संतान से।
जब ये चुनौतियां बाहर से आती हैं, तो योगी बाहर के साथ-साथ भीतर उतरना जानता है। जो लोग केवल बाहर रहकर इन चुनौतियों का सामना करेंगे वे एक दिन अशांत, परेशान होंगे, लेकिन जो थोड़ा अपने भीतर उतरेंगे उनके लिए चुनौतियों के आक्रमण कम होंगे।
भीतर उतरकर अपनी आत्मा के निकट बैठा हुआ व्यक्ति इन चुनौतियों से बहुत अच्छे ढंग से जूझ सकेगा।
योग का यह एक बहुत बड़ा परिणाम है, इसलिए जिन्हें योग से जुड़ना हो वे हनुमानजी को अपना माध्यम बना सकते हैं, क्योंकि उनसे बड़ा योगी और कौन हो सकता है।
हनुमानजी से बड़ा कोई योगी नहीं। यह कोई दावा नहीं, मान्यता-सी है। सच तो यह है कि योग सबके लिए है। इसे किसी धर्म से जोड़ना नादानी होगी।
किंतु यदि किसी को जानना है कि योग देता क्या है तो उसे हनुमानजी से परिचय जरूर करना चाहिए। श्रीराम ने हनुमानजी को साथ इसीलिए रखा, क्योंकि वे जानते थे कि जो बहुत बड़ा अभियान मुझे पूरा करना है उसमें आने वाली बाधाएं कोई योगी ही पार करा सकता है।
हम भी ध्यान रखें हमारा लक्ष्य श्रीराम जैसा ही है। रावण चारों तरफ मौजूद हैं। रावण मतलब सफलता की ऊंचाइयों पर बैठा हुआ व्यक्ति, जो अब लगातार गलतियां कर रहा हो और उसका पतन हो रहा हो।
आज कई लोग ऐसे हैं जो अपनी योग्यता का दुरुपयोग कर रहे हैं, रावण की तरह शीर्ष पर पहुंच गए हैं और अनुचित कर रहे हैं।
आप जिस भी क्षेत्र में जाएंगे ऐसे लोगों से आपका मुकाबला होगा। जो कुछ भी श्रीराम ने किया वह हमें करना है। वे हर बड़ा काम हनुमानजी से कराते थे।
हनुमानजी ने हमें सिखाया है कि चुनौतियां कभी किसी की कम नहीं होंगी।
पहली चुनौती या समस्या संसार से आती है।
दूसरी सम्पत्ति से,
तीसरी संबंधों से,
चौथी स्वास्थ्य से और
पांचवीं चुनौती आती है संतान से।
जब ये चुनौतियां बाहर से आती हैं, तो योगी बाहर के साथ-साथ भीतर उतरना जानता है। जो लोग केवल बाहर रहकर इन चुनौतियों का सामना करेंगे वे एक दिन अशांत, परेशान होंगे, लेकिन जो थोड़ा अपने भीतर उतरेंगे उनके लिए चुनौतियों के आक्रमण कम होंगे।
भीतर उतरकर अपनी आत्मा के निकट बैठा हुआ व्यक्ति इन चुनौतियों से बहुत अच्छे ढंग से जूझ सकेगा।
योग का यह एक बहुत बड़ा परिणाम है, इसलिए जिन्हें योग से जुड़ना हो वे हनुमानजी को अपना माध्यम बना सकते हैं, क्योंकि उनसे बड़ा योगी और कौन हो सकता है।
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