Sunday 14 August 2016

मनचाहे वर के लिए करें हरियाली तीज का व्रत


सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहीं कज्जली तीज तो कहीं हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। भव‌िष्य पुराण में देवी पार्वती बताती हैं क‌ि तृतीया त‌ि‌‌थ‌ि का व्रत उन्होंने बनाया है ज‌िससे स्त्र‌ियों को सुहाग और सौभाग्य की प्राप्त‌ि होती है। सावन महीने में तृतीया त‌िथ‌ि को सौ वर्ष की तपस्या के बाद देवी पार्वती ने भगवान श‌िव को पत‌ि रूप में पाने का वरदान प्राप्त क‌िया था।
हरियाली तीज पूजा विधि:
हरियाली तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है।
पूजा के अंत में तीज की कथा सुनी जाती है। कथा के समापन पर महिलाएं मां गौरी से पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक नृत्य किए जाते है. इस दिन झूला-झूलने का भी रिवाज है।

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