Wednesday 22 June 2016

अपनी पहचान



वो बेचारी बचपन से ही व्याहता थी। विवाह हुआ पर अधिकार नहीं मिला। वो बचपन का पहला प्रेम भी था जिससे वो कभी उबरना नहीं चाहती थी। उसके लिए धन संपत्ति मान सम्मान सब गौड़ था। क्योंकि वो एक स्त्री थी इसलिए वो हमेशा से दयालु और प्रेममयी थी। उसमें विश्वास था और वो स्वाभिमानी थी।

सुना जाता है की उसके माता पिता ने उसका व्याह किसी और से भी करना चाहा था पर वो एक सहेली को घूँघट में छिपकर खुद अपने पति के घर चली गयी थी। कहते हैं फिर वो आजीवन अपने पति के घर ही रही थी पर फिर भी अपने पति से दूर। बेचारी सारे जीवन कुँआरी ही रही फिर।

ये एक बड़ा रहस्य था की उसका #पति जो एक मामूली गाँव वाला था असल में एक बड़ा आदमी निकला, इतना बड़ा की वो सोच भी नहीं सकती थी। इसीलिए उसका पति गाँव छोड़कर एक सम्मानित पद पर जा चूका था। सौभाग्य से उसका पति उससे बहुत प्रेम करता था और उसके लिए कुछ भी कर सकता था। इसीलिए वो चाहती तो उसके साथ जा सकती थी और अपने समय की सबसे सम्मानित स्त्री बन सकती थी। लेकिन उसके त्याग किया। अपने पति के भविष्य की खातिर उसने सारे जीवन अकेले रहना स्वीकार किया।

अकेले उसने स्त्रियों को सम्बल प्रदान किया। अकेले ही उसने नारी के लिए आदर्श स्थापित करना प्रारम्भ कर दिया था। वो अपने गाँव की सबसे सम्मानित स्त्री बन गयी थी। उन दिनों जितनी भी स्त्रियों को अपने पति का वियोग प्राप्त था उन सबको उसका सहारा प्राप्त था। वो गायों की रखवाली थी। सास ससुर का अवलंब थी। इतनी महान थी वो की कुछ समय तक लोगों ने कभी उसे उसके महान पिता के नाम से जाना तो कभी उसके पति के नाम से। एक तरह तो उसके प्रेम की कहानी इस ब्रह्माण्ड की सबसे लोकप्रिय कहानी है, लोग कहते हैं उसका नाम राधा रानी है।

सम्मानित होते होते वो भारत की इकलौती ऐसी #स्त्री बनी जिसकी पहचान उसका पति या पिता नहीं थे, वो खुद की पहचान थी। उल्टा उसके परिजन उसके नाम से जाने जाते हैं, आज भी। हम सब उसे श्रीमती राधा रानी के नाम से जानते हैं। इकलौती ऐसी स्त्री जिसे उसके पति के नाम से नहीं जाना जाता। उसके सम्मान में और उसकी गरिमा में लोग एक दुसरे का "राधा राधा" कहकर अभिवादन करते हैं।

#कृष्ण तो कुछ साल #वृन्दावन में रहे और चले गए, फिर गायों और गोपियों का अवलंब कौन था? #राधा। कृष्ण ने तो कुछ साल ही गायों के बीच गुजारे और वो गोपाल कहलाये, सारे जीवन अकेले गायों की सेवा करने वाली राधा को क्या कहेंगे? स्त्रियों को अपने दम पर पहचान बनाने के लिए जिसने प्रेरित किया वो राधा के आलावा कौन हो सकती है?

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