Friday 24 June 2016

विश्वास

एक बार एक अत्यंत गरीब महिला जो ईश्वरीय शक्ति पर बेइंतिहा विश्वास करती थी। एक बार अत्यंत ही विकट स्थिति में आ गई। कई दिनों से खाने के लिए पुरे परिवार को नहीं मिला।
एक दिन उसने रेडियो के माध्यम से ईश्वर को अपना सन्देश भेजा कि वह उसकी मदद करे।
यह प्रसारण एक नास्तिक ,घमण्डी और अहंकारी उद्योगपति ने सुना और उसने सोचा कि क्यों न इस महिला के साथ कुछ ऐसा मजाक किया जाये कि उसकी ईश्वर के प्रति आस्था डिग जाय।
उसने आपने सेक्रेटरी को कहा कि वह ढेर सारा खाना और महीने भर का राशन उसके घर पर देकर आ जाये और जब वह महिला पूछे किसने भेजा है तो कह देना कि " शैतान" ने भेजा है।
जैसे ही महिला के पास सामान पंहुचा पहले तो उसके परिवार ने तृप्त होकर भोजन किया । फिर वह सारा राशन अलमारी में रखने लगी।
जब महिला ने पूछा नहीं कि यह सब किसने भेजा है तो सेक्रेटरी से रहा नहीं गया और पूछा , आपको क्या जिज्ञासा नही होती कि यह सब किसने भेजा है।
उस महिला ने बेहतरीन जवाब दिया , मैं इतना क्यों सोंचू या पूंछू मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है,मेरा भगवान जब आदेश देते है तो शैतानों को भी उस आदेश का पालन करना पड़ता है।खूब भजन करो और अपना जीवन सफल करो ।


 भगवान को आपसे क्या चाहिए ????

🌿 शबरी की जाति कौन सी ऊंची थी ? सुदामा के पास धन कहा था ? कुब्जा का रूप सुंदर कहा था ? ध्रुव तब कौन सा प्रसिद्ध था ? अनेक उदाहरण है ऐसे । कहने का अर्थ है कि भगवान न तो आपकी जाति देखते है , न ही आपकी बाह्य सुंदरता, न ही आपके धन से उन्हे कुछ लेना देना है , न ही आपके यश से वे प्रभावित होंगे , अपितु वे दयालु प्रभु तो केवल आपके शुभ-कर्मो , आपके हदय मे उनके प्रति भाव और भक्ति ही देखेंगे। वे आपके बाहरी आडंबरो और प्रपंचो के अनुसार नहीं बल्कि आपकी भीतरी शुद्धता -पवित्रता-निस्छलता और निर्मलता के आधार पर ही कृपा करते है।

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