Sunday, 19 June 2016

हमारे पिछले कर्म कुछ ऐसे हो सकते हैं जो हमें उसकी कृपा तक पहुंचने से रोक रहे हैं, पहले उन कर्मों का हिसाब चुका लें उसके बाद मिलना तो है ही सुंदर फल।

एक राजा जब भी मंदिर जाता, मंदिर के ठीक सामने बैठे दो भिखारी दीखते, एक मंदिर के द्वार के दाएं तरफ और दूसरा बाएं तरफ।
राजा को देखते ही दाईं तरफ़ वाला कहता:- "हे भगवान, तूने राजा को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे।"
बाईं तरफ़ वाला कहता:- "ऐ राजा, भगवान ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे।"
दाईं तरफ़ वाला भिखारी बाईं तरफ़ वाले से कहता:- "भगवान से माँग, वही सबको देने वाला है सबसे बेहतर सुनने वाला है।"
बाईं तरफ़ वाला जवाब देता:- "चुप कर बेवक़ूफ़, जो सामने दिखे उससे माँग, भगवान कहाँ सुन रहा है इतने वर्षो से।"
एक बार राजा ने अपने सेवक को बुलाया और कहा कि:- "मंदिर में दाईं तरफ जो भिखारी बैठता है वह हमेशा भगवान से मांगता है तो बेशक भगवान् उसकी ज़रूर सुनेगा, लेकिन जो बाईं तरफ बैठता है वह हमेशा मुझसे फ़रियाद करता रहता है।
तुम एक बड़े से बर्तन में खीर भर के उसमें सोने के 10 सिक्के डालकर उसे दे आओ।"
सेवक ने ऐसा ही किया, खीर मिली तो वह भिखारी मज़े से खीर खाते-खाते दूसरे को चिढ़ाता हुआ बोला:- 
"हुह्ह्... बड़ा आया 'भगवान् देगा...', मांग-मांग के उनसे ज़िन्दगी गुज़ार दी, क्या पाया।
मुश्किल से दो वक़्त रोटी भी भरपेट कभी न मिली, यह देख राजा से माँगा, मिल गया ना?"
खीर बहुत ज़्यादा थी, जब इसका पेट भर गया तो इसने खीर से भरा बर्तन दूसरे भिखारी को दे दिया और कहा:- "ले पकड़... तू भी खाले, राजा को नमन कर, उसकी दया है सब।
अगले दिन जब राजा आया तो देखा कि बाईं तरफ वाला भिखारी तो आज भी वैसे ही बैठा है लेकिन दाईं तरफ वाला ग़ायब है।
राजा नें चौंककर उससे पूछा:- "क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला?"
भिखारी बोला:- "जी मिला, क्या स्वादिष्ट खीर थी, मैंने ख़ूब पेट भर कर खायी।"
राजा:- "फिर?"
उसने कहा:- "फ़िर वह जो दूसरा यहाँ बैठता है मैंने उसको दे दी, बेवक़ूफ़ हमेशा कहता रहता है 'भगवान् देगा, भगवान् देगा।'
राजा मुस्कुरा कर बोला:- "बेशक, भगवान् ने उसे दे दिया।"
देने वाला सचमुच वही है, उस पर भरोसा बनाए रखें.
हमारे पिछले कर्म कुछ ऐसे हो सकते हैं जो हमें उसकी कृपा तक पहुंचने से रोक रहे हैं, पहले उन कर्मों का हिसाब चुका लें उसके बाद मिलना तो है ही सुंदर फल।

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